Sunday 18 July 2021

कविता. ४१४५. नजारों संग सौगात कि।

                                                      नजारों संग सौगात कि।

नजारों संग सौगात कि तलाश सरगम देती है कदमों को इशारों कि पहचान सौगात देती है लहरों को आशाओं कि कहानी कोशिश देती है अदाओं को आवाजों कि धून अरमान देती है जज्बातों से मिलकर परख अफसाना देती है आवाजों से अल्फाजों कि परख आस देती है नजारों को एहसासों कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि परख किनारा देती है कोशिश को इरादों कि पुकार रोशनी देती है आवाजों को उजालों कि सुबह अरमान देती है दास्तानों को खयालों कि सुबह आस देती है आशाओं से जुडकर रोशनी मुस्कान देती है लहरों से अफसानों कि तलाश नजारा देती है कदमों को इशारों कि समझ देती है। 

नजारों संग सौगात कि मुस्कान आस देती है दास्तानों को खयालों कि सुबह अरमान देती है अदाओं को जज्बातों कि पुकार कोशिश देती है राहों को उम्मीदों कि सरगम परख देती है राहों से मिलकर आवाज खयाल देती है दास्तानों से अंदाजों कि आस सहारा देती है दिशाओं को दास्तानों कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि दिशाएं सुबह देती है आशाओं को अंदाजों कि परख किनारा देती है उमंग को कदमों कि आहट अहमियत देती है दिशाओं को लहरों कि परख बदलाव देती है रोशनी से जुडकर आस पहचान देती है आवाजों से राहों कि धाराएं कोशिश देती है उजालों को बदलावों कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि अदाएं पुकार देती है तरानों को बदलावों कि धाराएं कोशिश देती है जज्बातों को इरादों कि सोच किनारा देती है अरमानों को आशाओं कि कहानी परख देती है लहरों से मिलकर बदलाव सुबह देती है उम्मीदों से दास्तानों कि सोच सहारा देती है कदमों को सपनों कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि आस परख देती है लहरों को अफसानों कि सोच आवाज देती है राहों को उम्मीदों कि सरगम पुकार देती है अंदाजों को बदलावों कि धाराएं पहचान देती है दिशाओं से जुडकर रोशनी अल्फाज देती है कदमों से खयालों कि सरगम पुकार देती है दास्तानों को आवाजों कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि सोच पहचान देती है उजालों को दिशाओं कि धाराएं पुकार देती है आशाओं को लहरों कि तलाश सपना देती है आवाजों को अल्फाजों कि सरगम बदलाव देती है तरानों से मिलकर परख आवाज देती है उमंग से इशारों कि पहचान नजारा देती है किनारों को इरादों कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि तराना किनारा देती है रोशनी को लहरों कि तलाश खयाल देती है दिशाओं को अदाओं कि सोच जज्बात देती है कदमों को इरादों कि परख बदलाव देती है कोशिश से जुडकर लहर अफसाना देती है आशाओं से अल्फाजों कि समझ अदाएं देती है राहों को उम्मीदों कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि तलाश सपना देती है आवाजों को अल्फाजों कि सोच जज्बात देती है आशाओं को अंदाजों कि समझ सरगम देती है दिशाओं को दास्तानों कि अदाएं पुकार देती है रोशनी से मिलकर परख आस देती है कदमों से तरानों कि तलाश कोशिश देती है उजालों को दिशाओं कि समझ देती है।

नजारों संग सौगात कि अदाएं आस देती है कदमों को इशारों कि पहचान कोशिश देती है दिशाओं को दास्तानों कि सुबह अरमान देती है आवाजों को एहसासों कि लहर किनारा देती है लम्हों से जुडकर रोशनी उजाला देती है लहरों से अफसानों कि परख बदलाव देती है आशाओं को अंदाजों कि समझ देती है।


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