Thursday, 18 July 2024

कविता. ५२३७. उम्मीद को दास्तानों की।

                            उम्मीद को दास्तानों की।

उम्मीद को दास्तानों की अहमियत एहसास दिलाती है सपनों को नजारों की कहानी सरगम सुनाती है अरमानों को राहों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की कोशिश खयाल दिलाती है लहरों को इशारों की आस आवाज सुनाती है अंदाजों को बदलावों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की रोशनी सपना दिलाती है लम्हों को अफसानों की समझ सौगात सुनाती है तरानों को नजारों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की परख तलाश दिलाती है जज्बातों को कदमों की आहट खयाल सुनाती है किनारों को अल्फाजों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की सोच अल्फाज दिलाती है अदाओं को दिशाओं की पुकार एहसास सुनाती है जज्बातों को राहों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की सौगात समझ दिलाती है अंदाजों को इरादों की कहानी परख सुनाती है उजालों को एहसासों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की उमंग पुकार दिलाती है नजारों को खयालों की कोशिश इरादा सुनाती है कदमों को सपनों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की आस अफसाना दिलाती है राहों को अरमानों की आहट समझ सुनाती है दिशाओं को लम्हों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की कोशिश सरगम दिलाती है इशारों को लहरों की पुकार आवाज सुनाती है अल्फाजों को किनारों की पहचान दिलाती है।

उम्मीद को दास्तानों की परख सपना दिलाती है जज्बातों को कदमों की सोच सौगात सुनाती है आशाओं को अफसानों की पहचान दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...