Thursday, 17 October 2024

कविता. ५२९८. अदाओं से दास्तानों की।

                           अदाओं से दास्तानों की।

अदाओं से दास्तानों की आहट इशारा देती है तरानों को अरमानों की समझ सरगम देती है कदमों को उजालों की पहचान जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की परख सुबह देती है किनारों को अल्फाजों की मुस्कान कोशिश देती है नजारों को दिशाओं की कहानी जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की रोशनी पुकार देती है इशारों को लम्हों की अहमियत बदलाव देती है उम्मीदों को अफसानों की तलाश जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की उमंग आस देती है खयालों को अंदाजों की कहानी एहसास देती है लहरों को आवाजों की धून जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की कोशिश सहारा देती है कदमों को उजालों की सुबह आवाज देती है इशारों को लम्हों की उमंग जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की समझ तराना देती है आशाओं को राहों की मुस्कान कोशिश देती है खयालों को अंदाजों की पुकार जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की सोच तलाश देती है अफसानों को लहरों की कहानी सौगात देती है किनारों को कदमों की आस जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की पुकार कहानी देती है नजारों को दिशाओं की सोच अफसाना देती है एहसासों को राहों की कहानी जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की उम्मीद इरादा देती है बदलावों को लम्हों की रोशनी पहचान देती है अंदाजों को लहरों की मुस्कान जज्बात देती है।

अदाओं से दास्तानों की आवाज अरमान देती है अरमानों को सपनों की अदा अहमियत देती है इरादों को खयालों की परख जज्बात देती है।

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