Wednesday, 9 October 2024

कविता. ५२९०. दिशाओं को कदमों की।

                              दिशाओं को कदमों की।

दिशाओं को कदमों की आहट सरगम सुनाती है नजारों को राहों की पहचान सहारा देकर जाती है जज्बातों को अदाओं की आस मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की पुकार आवाज सुनाती है लम्हों को खयालों की लहर अल्फाज देकर जाती है तरानों को किनारों की सोच मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की रोशनी अंदाज सुनाती है तरानों को उम्मीदों की कहानी अरमान देकर जाती है आशाओं को बदलावों की कोशिश मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की आस सुबह सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की परख इशारा देकर जाती है दास्तानों को एहसासों की सौगात मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की समझ उमंग सुनाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी लहर देकर जाती है अंदाजों को इरादों की आहट मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की सौगात सपना सुनाती है अरमानों को लम्हों की कहानी परख देकर जाती है अल्फाजों को आवाजों की धून मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की लहर अहमियत सुनाती है खयालों को अंदाजों की आस अफसाना देकर जाती है अदाओं को राहों की आवाज मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की उम्मीद कोशिश सुनाती है जज्बातों को उजालों की सुबह एहसास देकर जाती है अरमानों को सपनों की रोशनी मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की समझ तराना सुनाती है एहसासों को खयालों की समझ सरगम देकर जाती है उम्मीदों को आशाओं की सोच मुस्कान दिलाती है।

दिशाओं को कदमों की सोच पहचान सुनाती है अफसानों को तरानों की आस कोशिश देकर जाती है उजालों को सपनों की कहानी मुस्कान दिलाती है।


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