Thursday, 17 October 2024

कविता. ५२९९. इशारों को लम्हों संग।

                             इशारों को लम्हों संग।

इशारों को लम्हों संग कोशिश पहचान दिलाती है लहरों को आशाओं की सरगम एहसास सुनाती है नजारों को दिशाओं की अहमियत मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग आवाज धून दिलाती है दास्तानों को राहों की पहचान खयाल सुनाती है उजालों को बदलावों की पुकार मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग उमंग तलाश दिलाती है दिशाओं को कदमों की सोच अफसाना सुनाती है तरानों को उम्मीदों की रोशनी मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग सोच अल्फाज दिलाती है किनारों को सपनों की आस कोशिश सुनाती है अफसानों को अंदाजों की आहट मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग सरगम तराना दिलाती है जज्बातों को अरमानों की कहानी आस सुनाती है एहसासों को कदमों की उमंग मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग आस सपना दिलाती है खयालों को उजालों की समझ सौगात सुनाती है आशाओं को जज्बातों की पहचान मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग परख तलाश दिलाती है एहसासों को अदाओं की पुकार अफसाना सुनाती है अल्फाजों को अरमानों की आस मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग अदा आस दिलाती है बदलावों को आवाजों की धून दास्तान सुनाती है जज्बातों को किनारों की सोच मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग लहर सहारा दिलाती है अफसानों को उम्मीदों की परख सौगात सुनाती है इरादों को लहरों की सुबह मुस्कान दिलाती है।

इशारों को लम्हों संग उम्मीद सरगम दिलाती है दिशाओं को कदमों की सोच तराना सुनाती है आवाजों को किनारों की धून मुस्कान दिलाती है।

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