Monday, 25 August 2025

कविता. ५६१०. कोशिश संग लहर अक्सर।

                          कोशिश संग लहर अक्सर।

कोशिश संग लहर अक्सर उजालों की रोशनी दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों की महफिल इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर खयालों की उमंग दिलाती है किनारों को कदमों की आस आवाज सुनाती है नजारों की आस इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर जज्बातों की पुकार दिलाती है अंदाजों को बदलावों की आहट तलाश सुनाती है आशाओं की सोच इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर दास्तानों की समझ दिलाती है खयालों को नजारों की अहमियत उम्मीद सुनाती है दिशाओं की आहट इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर सपनों की सरगम दिलाती है अंदाजों को अरमानों की सोच मुस्कान सुनाती है राहों की अहमियत इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर आशाओं की दास्तान दिलाती है आवाजों को उजालों की परख पहचान सुनाती है इरादों की मुस्कान इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर नजारों की अदा दिलाती है आशाओं को उम्मीदों की समझ बदलाव सुनाती है कदमों की पहचान इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर दिशाओं की परख दिलाती है आवाजों को धाराओं की सरगम खयाल सुनाती है लम्हों की कहानी इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर बदलावों की पहचान दिलाती है अफसानों को सपनों की आहट इरादा सुनाती है अंदाजों की सोच इशारा दिलाती है।

कोशिश संग लहर अक्सर अंदाजों की सौगात दिलाती है अरमानों को किनारों की मुस्कान तलाश सुनाती है जज्बातों की रोशनी इशारा दिलाती है।

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कविता. ५६३०. कदमों की सौगात संग।

                            कदमों की सौगात संग। कदमों की सौगात संग अरमानों की समझ इशारा दिलाती है लम्हों को सपनों की आहट एहसास देकर आगे बढती...