Tuesday, 26 August 2025

कविता. ५६११. अंदाज की पहचान अक्सर।

                       अंदाज की पहचान अक्सर।

अंदाज की पहचान अक्सर आवाजों से आस दास्तान सुनाती है दिशाओं से नजारों की आहट मुस्कान देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर लहरों से कोशिश उम्मीद सुनाती है अरमानों से उजालों की सुबह अल्फाज देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर कदमों से पुकार समझ सुनाती है इशारों से जज्बातों की सरगम खयाल देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर राहों से अहमियत सोच सुनाती है दास्तानों से अफसानों की उमंग तलाश देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर सपनों से सौगात बदलाव सुनाती है तरानों से आशाओं की महफिल किनारा देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर दास्तानों से रोशनी इशारा सुनाती है लम्हों से उम्मीदों की कोशिश सहारा देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर किनारों से सौगात सरगम सुनाती है उजालों से बदलावों की सोच उम्मीद देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर अदाओं से समझ उमंग सुनाती है एहसासों से इरादों की लहर मुस्कान देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर आशाओं से लहर‌ तराना सुनाती है जज्बातों से दास्तानों की एहसास आस देकर जाती है।

अंदाज की पहचान अक्सर अरमानों से सोच इरादा सुनाती है अल्फाजों से खयालों की समझ बदलाव देकर जाती है।



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