Wednesday, 3 December 2025

कविता. ५७१०. लम्हों की कहानी अक्सर।

                                        लम्हों की कहानी अक्सर।

लम्हों की कहानी अक्सर एहसास की कश्ती को अलग किनारा देती है उम्मीदों की सौगात संग आशाएं जज्बातों को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर अरमान की दुनिया को अलग दास्तान देती है कदमों की पुकार संग दिशाएं अरमानों को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर आवाज की धून को अलग कोशिश देती है अफसानों की अहमियत संग उम्मीदें इशारों को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर अंदाज की आस को अलग तराना देती है नजारों की आहट संग अदाएं अफसानों को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर कोशिश की राह को अलग अल्फाज देती है खयालों की सरगम संग लहरे धाराओं को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर अल्फाज की पुकार को अलग रोशनी देती है इरादों की पहचान संग दास्तानें सपनों को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर उमंग की सरगम को अलग बदलाव देती है किनारों की मुस्कान संग उम्मीदें खयालों को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर परख की आहट को अलग अफसाना देती है उजालों की सुबह संग नजारे दिशाओं को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर आस की अहमियत को अलग पुकार देती है आशाओं की महफिल संग राहों को सहारा देती है।

लम्हों की कहानी अक्सर रोशनी की कोशिश को अलग पहचान देती है अंदाजों की सोच संग सपनों को सहारा देती है।

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