Thursday, 4 December 2025

कविता. ५७११. बदलाव की मुस्कान देकर।

                        बदलाव की मुस्कान देकर।

बदलाव की मुस्कान देकर आशाओं से‌ जज्बात दिलाती है उजालों को कदमों की‌ सौगात संग पहचान आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर तरानों से कोशिश दिलाती है अरमानों को किनारों की उम्मीद‌ संग दास्तान आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर लहरों से तलाश दिलाती है इशारों को एहसासों की समझ संग आहट आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर नजारों से सुबह दिलाती है अंदाजों को सपनों की रोशनी संग पुकार आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर धाराओं से लहर दिलाती है तरानों को आशाओं की महफिल संग सोच आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर अंदाजों से समझ दिलाती है अफसानों को इरादों की पहचान संग पुकार आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर अरमानों से सरगम दिलाती है उम्मीदों को सपनों की सुबह संग रोशनी आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर खयालों से सोच दिलाती है अल्फाजों को राहों की सरगम संग अहमियत आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर उजालों से आस दिलाती है तरानों को इशारों की तलाश संग परख आवाज सुनाती है।

बदलाव की मुस्कान देकर जज्बातों से आहट दिलाती है अदाओं को एहसासों की धून संग अदा आवाज सुनाती है।


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