Saturday, 6 December 2025

कविता. ५७१३. खयालों की सरगम अक्सर।

                         खयालों की सरगम अक्सर।

खयालों की सरगम अक्सर पहचान दिलाती है आशाओं को कदमों की आहट सौगात सुनाती है उजालों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर मुस्कान दिलाती है अरमानों को लम्हों की अहमियत कोशिश सुनाती है तरानों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर सौगात दिलाती है दास्तानों को किनारों की कहानी बदलाव सुनाती है एहसासों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर जज्बात दिलाती है अदाओं को धाराओं की समझ आवाज सुनाती है लम्हों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर परख दिलाती है उम्मीदों को अल्फाजों की दुनिया सपना सुनाती है दिशाओं को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर तलाश दिलाती है इरादों को अफसानों की परख अंदाज सुनाती है राहों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर सुबह दिलाती है दिशाओं को दास्तानों की सोच कहानी सुनाती है जज्बातों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर इशारा दिलाती है इशारों को उजालों की आस तराना सुनाती है कदमों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर उम्मीद दिलाती है लम्हों को किनारों की कोशिश कहानी सुनाती है नजारों को उमंग दिलाती है।

खयालों की सरगम अक्सर उजाला दिलाती है तरानों को बदलावों की पुकार आहट सुनाती है सपनों को उमंग दिलाती है।

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