Friday 22 October 2021

कविता. ४२३८. दास्तान को उजालों कि सुबह।

                                                  दास्तान को उजालों कि सुबह।

दास्तान को उजालों कि सुबह सरगम दिलाती है लम्हों को एहसासों कि सौगात तलाश सुनाती है तरानों से अफसानों कि परख बदलाव देती है कदमों को आशाओं कि कहानी कोशिश दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि समझ उमंग देती है किनारों को इरादों कि सोच सहारा देती है राहों को मुस्कान कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह सौगात दिलाती है लहरों को अफसानों कि परख पहचान सुनाती है जज्बातों से मुस्कान कि दिशाएं एहसास देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ सरगम दिलाती है लम्हों को एहसासों कि सोच अरमान देती है अंदाजों को बदलावों कि कोशिश लहर देती है अदाओं को रोशनी कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह सोच दिलाती है खयालों को इरादों कि आस अहमियत सुनाती है आशाओं से लहरों कि तलाश सपना देती है तरानों को बदलावों कि धाराएं पुकार दिलाती है लहरों को अफसानों कि परख किनारा देती है इशारों को अरमानों कि समझ एहसास देती है आवाजों को अल्फाजों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह एहसास दिलाती है अंदाजों को बदलावों कि धाराएं पुकार सुनाती है अदाओं से नजारों कि सोच सौगात देती है किनारों को जज्बातों कि परख कोशिश दिलाती है उमंग को अल्फाजों कि समझ सरगम देती है रोशनी को लहरों कि आस खयाल देती है कदमों को इरादों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह सपना दिलाती है किनारों को जज्बातों कि परख बदलाव सुनाती है आवाजों से अंदाजों कि आस पुकार देती है तरानों को बदलावों कि समझ आशाएं दिलाती है लम्हों को एहसासों कि समझ तलाश देती है कदमों को इशारों कि परख उमंग देती है तरानों को आवाजों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह नजारा दिलाती है उम्मीदों को आशाओं कि कोशिश तलाश सुनाती है तरानों से अदाओं कि कहानी सरगम देती है अदाओं को नजारों कि सोच अरमान दिलाती है उमंग को अल्फाजों कि पुकार रोशनी देती है किनारों को इरादों कि सौगात तलाश देती है जज्बातों को नजारों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह मुस्कान दिलाती है तरानों को अफसानों कि परख एहसास सुनाती है नजारों से आवाजों कि धून अफसाना देती है बदलावों को इशारों कि समझ आस दिलाती है कदमों को अरमानों कि सौगात उमंग देती है लहरों को अफसानों कि सोच इशारा देती है किनारों को जज्बातों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह आस दिलाती है लहरों को इशारों कि सोच अफसाना सुनाती है खयालों से लम्हों कि मुस्कान तराना देती है जज्बातों को अल्फाजों कि सरगम इशारा दिलाती है लहरों को अदाओं कि राह सोच देती है बदलावों को आशाओं कि सौगात कोशिश देती है इरादों को अल्फाजों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह परख दिलाती है नजारों को अंदाजों कि समझ सोच सुनाती है आशाओं से लहरों कि सोच आवाज देती है कदमों को इरादों कि कोशिश अरमान दिलाती है लम्हों को एहसासों कि आस पुकार देती है किनारों को अंदाजों कि धून रोशनी देती है इशारों को खयालों कि पहचान दिलाती है।

दास्तान को उजालों कि सुबह पुकार दिलाती है लम्हों को एहसासों कि सौगात इशारा सुनाती है तरानों से आवाजों कि धून अफसाना देती है किनारों को आशाओं कि कहानी सौगात दिलाती है रोशनी को जज्बातों कि परख कोशिश देती है नजारों को इशारों कि सोच खयाल देती है लम्हों को उम्मीदों कि पहचान दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...