Saturday 27 November 2021

कविता. ४२७४. किनारों को उम्मीदों कि सौगात।

                                                  किनारों को उम्मीदों कि सौगात।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात तलाश देती है सपनों को आशाओं कि कहानी सरगम सुनाती है नजारों से जुडकर अंदाजों कि पहचान इशारा देती है अरमानों से मिलकर आवाजों कि समझ अदाएं देती है लम्हों को सपनों कि सोच तराना देती है कदमों को इशारों कि पुकार सहारा दिलाती है खयालों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात इशारा देती है अंदाजों को बदलावों कि धाराएं पहचान सुनाती है उजालों से निकलकर खयालों कि सोच सपना देती है इरादों से जुडकर राहों कि मुस्कान पुकार देती है सपनों को अफसानों कि कोशिश सहारा देती है अरमानों को एहसासों कि आस सरगम दिलाती है लहरों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात नजारा देती है कदमों को जज्बातों कि पुकार अरमान सुनाती है बदलावों से मिलकर दास्तानों कि अदाएं परख देती है अदाओं से निकलकर खयालों कि आस जज्बात देती है राहों को आशाओं कि कहानी सौगात देती है रोशनी को लहरों कि कोशिश सुबह दिलाती है आवाजों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात सपना देती है दिशाओं को अरमानों कि सुबह कोशिश सुनाती है लहरों से लेकर उम्मीदों कि सरगम पुकार देती है कदमों से मिलकर आवाजों कि धून अफसाना देती है इशारों को रोशनी कि समझ अल्फाज देती है तरानों को बदलावों कि सोच समझ दिलाती है राहों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात तराना देती है नजारों को अंदाजों कि समझ परख सुनाती है आशाओं से निकलकर अदाओं कि तलाश लहर देती है जज्बातों से जुडकर रोशनी कि सुबह आस देती है कदमों को इशारों कि पहचान सहारा देती है उम्मीदों को अरमानों कि तलाश सपना दिलाती है नजारों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात लहर देती है अदाओं को उजालों कि सोच अहमियत सुनाती है आवाजों से जुडकर बदलावों कि परख सुबह देती है दास्तानों से निकलकर अंदाजों कि समझ रोशनी देती है आशाओं को लम्हों कि कहानी कोशिश देती है तरानों को बदलावों कि अदा सुबह दिलाती है दास्तानों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात सरगम देती है आशाओं को इशारों कि राह नजारा सुनाती है तरानों से मिलकर आशाओं कि सोच अल्फाज देती है लहरों से समझकर बदलावों कि सुबह मुस्कान देती है नजारों को एहसासों कि समझ अफसाना देती है लम्हों को उम्मीदों कि सरगम तलाश दिलाती है बदलावों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात मुस्कान देती है खयालों को अरमानों कि सुबह आस सुनाती है लम्हों से लेकर आवाजों कि धून एहसास देती है अंदाजों से जुडकर कदमों कि सोच अदाएं देती है लहरों को अल्फाजों कि परख बदलाव देती है दिशाओं को दास्तानों कि सोच अहमियत दिलाती है अंदाजों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात रोशनी देती है सपनों को आवाजों कि धून अफसाना सुनाती है नजारों से निकलकर खयालों कि मुस्कान तराना देती है दिशाओं से मिलकर अदाओं कि राह रोशनी देती है कदमों को इशारों कि सरगम पुकार देती है कदमों को इरादों कि सौगात सुबह दिलाती है लम्हों को उमंग दे जाती है।

किनारों को उम्मीदों कि सौगात कोशिश देती है अदाओं को उजालों कि सोच समझ सुनाती है दास्तानों से जुडकर राहों कि धाराएं पहचान देती है आवाजों से समझकर राहों कि सौगात तलाश देती है नजारों को एहसासों कि सुबह आस देती है अंदाजों को बदलावों कि सोच अल्फाज दिलाती है आशाओं को उमंग दे जाती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...