Wednesday 3 November 2021

कविता. ४२५०. उजाला कुछ तो कहता है।

                                                            उजाला कुछ तो कहता है।

उजाला कुछ तो कहता है हर लम्हा कोई राह दिलाता रहता है एहसासों को लम्हों कि परख बदलाव दिलाती है उम्मीदों कि सरगम संग जज्बातों कि कहानी पुकार देती है किनारों को अंदाजों से दास्तानों कि सोच मुस्कान सुनाती है नजारों को अफसानों कि कोशिश सुबह दिलाती है लहरों को कदमों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर रोशनी कोई कहानी दिलाती रहती है राहों को आवाजों कि धून एहसास दिलाती है नजारों कि तलाश संग अंदाजों कि समझ सरगम देती है कोशिश को उम्मीदों से तरानों कि सौगात जज्बात सुनाती है लम्हों को एहसासों कि परख आस दिलाती है लम्हों को उम्मीदों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर कोशिश कोई सरगम दिलाती रहती है लहरों को अफसानों कि आस किनारा दिलाती है आशाओं कि सौगात संग आवाजों कि परख दास्तान देती है दिशाओं को अरमानों से लहरों कि सुबह आस सुनाती है उमंग को अल्फाजों कि समझ सपना दिलाती है बदलावों को इशारों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर दास्तान कोई सुबह दिलाती रहती है कदमों को अरमानों कि तलाश नजारा दिलाती है लहरों कि पहचान संग आशाओं कि धून अफसाना देती है कोशिश को इरादों से खयालों कि समझ अल्फाज सुनाती है रोशनी को तरानों कि पहचान उमंग दिलाती है आवाजों को अदाओं कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर राह कोई कोशिश दिलाती रहती है किनारों को आशाओं कि सरगम पुकार दिलाती है जज्बातों कि मुस्कान संग दास्तानों कि अदाएं पहचान देती है बदलावों को इशारों से लम्हों कि सोच अरमान सुनाती है आशाओं को अंदाजों कि परख रोशनी दिलाती है खयालों को अंदाजों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर मोड कोई पहचान दिलाता रहता है अंदाजों को सपनों कि समझ तराना दिलाती है कदमों कि सरगम संग आशाओं कि कोशिश लहर देती है अरमानों को आवाजों से उम्मीद कि राह पुकार सुनाती है नजारों को अदाओं कि सोच किनारा दिलाती है राहों को नजारों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर सपना कोई सोच दिलाता रहता है रोशनी को किनारों कि तलाश कोशिश दिलाती है लहरों कि सौगात संग बदलावों कि धाराएं पुकार देती है नजारों को अरमानों से लम्हों कि कहानी तलाश सुनाती है उम्मीदों को आशाओं कि सरगम उमंग दिलाती है अंदाजों को सपनों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर कोशिश कोई पुकार दिलाती रहती है कदमों को इरादों कि सोच सौगात दिलाती है अरमानों कि परख संग लहरों कि आस पहचान देती है खयालों को अल्फाजों से बदलावों कि पुकार रोशनी सुनाती है लम्हों को उम्मीदों कि लहर कोशिश दिलाती है लहरों को अफसानों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर तराना कोई सरगम दिलाता रहता है किनारों को आशाओं कि सुबह आस दिलाती है लम्हों कि कहानी संग अफसानों कि परख पुकार देती है लहरों को अफसानों से उम्मीदों कि सोच खयाल सुनाती है नजारों को एहसासों कि समझ अल्फाज दिलाती है तरानों को बदलावों कि आहट देती है।

उजाला कुछ तो कहता है हर सौगात कोई मुस्कान दिलाती रहती है राहों को उम्मीदों कि परख किनारा दिलाती है लहरों कि सरगम संग जज्बातों कि पहचान सहारा देती है आशाओं को अंदाजों से उजालों कि सुबह अफसाना सुनाती है उम्मीदों को आशाओं कि कहानी उमंग दिलाती है लम्हों को एहसासों कि आहट देती है।


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