Tuesday, 10 September 2024

कविता. ५२६१. आवाज किसी।

                                  आवाज किसी।

आवाज किसी एहसास को लेकर आती है उम्मीदों की नयी उमंग दिलाती है लम्हों को खयालों की कहानी अंदाज देकर आगे बढती है।

आवाज किसी पुकार को लेकर आती है जज्बातों की नयी आस दिलाती है लहरों को इशारों की सुबह पहचान देकर आगे बढती है।

आवाज किसी मुस्कान को लेकर आती है तरानों की नयी सौगात दिलाती है दिशाओं को कदमों की सोच तलाश देकर आगे बढती है।

आवाज किसी रोशनी को लेकर आती है नजारों की नयी समझ दिलाती है बदलावों को इरादों की सरगम तराना देकर आगे बढती है।

आवाज किसी दास्तान को लेकर आती है कदमों की नयी आहट दिलाती है किनारों को सपनों की अहमियत कोशिश देकर आगे बढती है।

आवाज किसी उम्मीद को लेकर आती है राहों की नयी कहानी दिलाती है उजालों को एहसासों की कहानी अफसाना देकर आगे बढती है।

आवाज किसी सोच को लेकर आती है जज्बातों की नयी सरगम दिलाती है तरानों को जज्बातों की सौगात खयाल देकर आगे बढती है।

आवाज किसी आहट को लेकर आती है किनारों की नयी कोशिश दिलाती है इशारों को आशाओं की सुबह परख देकर आगे बढती है।

आवाज किसी तलाश को लेकर आती है दिशाओं की नयी सौगात दिलाती है लहरों को एहसासों की रोशनी अरमान देकर आगे बढती है।

आवाज किसी सरगम को लेकर आती है अफसानों की नयी सोच दिलाती है कदमों को अदाओं की लहर नजारा देकर आगे बढती है।

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