Thursday, 12 September 2024

कविता. ५२६३. दिशाओं को किनारों संग।

                             दिशाओं को किनारों संग।

दिशाओं को किनारों संग आशाओं की लहर अरमान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सोच दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग आवाजों की धून अफसाना दिलाती है लहरों को इशारों की रोशनी अहमियत दिलाती है तरानों को जज्बातों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग खयालों की सोच सौगात दिलाती है कदमों को अल्फाजों की सुबह कोशिश दिलाती है लहरों को नजारों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग अरमानों की सुबह कोशिश दिलाती है अंदाजों को बदलावों की आस अल्फाज दिलाती है दास्तानों को अदाओं की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग अंदाजों की राह नजारा दिलाती है तरानों को उम्मीदों की समझ सुबह दिलाती है बदलावों को इरादों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग कदमों की अदा आवाज दिलाती है इशारों को दास्तानों की कोशिश तलाश दिलाती है राहों को अरमानों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग दास्तानों की उमंग लहर दिलाती है लम्हों को आशाओं की परख खयाल दिलाती है अल्फाजों को राहों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग एहसासों की आस अफसाना दिलाती है नजारों को जज्बातों की सोच बदलाव दिलाती है तरानों को उजालों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग आवाजों की धून पहचान दिलाती है अंदाजों को इरादों की कोशिश सौगात दिलाती है जज्बातों को खयालों की कहानी देकर जाती है।

दिशाओं को किनारों संग राहों की मुस्कान अल्फाज दिलाती है उम्मीदों को अरमानों की आहट एहसास दिलाती है नजारों को लहरों की कहानी देकर जाती है।


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