Monday, 30 September 2024

कविता. ५२८१. नजारों को दिशाओं की।

                               नजारों को दिशाओं की।

नजारों को दिशाओं की समझ तलाश दिलाती है लहरों को इशारों की कोशिश सहारा देकर जाती है जज्बातों से अदाओं की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की सोच अफसाना दिलाती है किनारों को सपनों की रोशनी आहट देकर जाती है उजालों से आशाओं की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की सुबह पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान एहसास देकर जाती है उम्मीदों से अंदाजों की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की उमंग खयाल दिलाती है राहों को अल्फाजों की अहमियत तलाश देकर जाती है खयालों से बदलावों की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की सरगम पुकार दिलाती है कदमों को उजालों की सौगात लहर देकर जाती है अरमानों से आवाजों की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की अदा सौगात दिलाती है आशाओं को एहसासों की उमंग अफसाना देकर जाती है दास्तानों से लम्हों की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की परख अल्फाज दिलाती है जज्बातों को कदमों की आस बदलाव देकर जाती है तरानों से आवाजों की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की पहचान उजाला दिलाती है सपनों को अरमानों की सरगम दास्तान देकर जाती है किनारों से राहों की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की उम्मीद मुस्कान दिलाती है एहसासों को राहों की पहचान खयाल देकर जाती है आशाओं से बदलावों की कहानी दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की कोशिश लहर दिलाती है इशारों को किनारों की परख सरगम देकर जाती है अफसानों से कदमों की कहानी दिलाती है।


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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...