Monday, 9 September 2024

कविता. ५२६०. रोशनी संग मुस्कान अक्सर।

                           रोशनी संग मुस्कान अक्सर।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर दास्तान सुनाती है सपनों को एहसासों की उम्मीद कहानी दिलाती है लहरों की सुबह पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर अल्फाज दिलाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश नजारा दिलाती है लम्हों की राह पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर उमंग दिलाती है आशाओं को बदलावों की सोच अफसाना दिलाती है दास्तानों की परख पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर तलाश दिलाती है जज्बातों को कदमों की आस एहसास दिलाती है अरमानों की पुकार पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर अंदाज दिलाती है अदाओं को किनारों की सौगात इशारा दिलाती है बदलावों की आवाज पहचान दिलाती है।  

रोशनी संग मुस्कान अक्सर उम्मीद दिलाती है खयालों को अंदाजों की समझ जज्बात दिलाती है किनारों की आहट पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर सरगम दिलाती है कदमों को लम्हों की आहट उजाला दिलाती है एहसासों की अहमियत पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर कोशिश दिलाती है अल्फाजों को इशारों की सुबह अदा दिलाती है दिशाओं की सौगात पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर आवाज दिलाती है लहरों को किनारों की सोच अहमियत दिलाती है उम्मीदों की तलाश पहचान दिलाती है।

रोशनी संग मुस्कान अक्सर तराना दिलाती है इशारों को आशाओं की पुकार लहर दिलाती है अंदाजों की आस पहचान दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५४७१. लहरों की कहानी अक्सर।

                          लहरों की कहानी अक्सर। लहरों की कहानी अक्सर आशाओं की सरगम दिलाती है सपनों को अरमानों की पुकार एहसास सुनाती है तरानो...