Saturday, 7 September 2024

कविता. ५२५८.. आवाज की लहर अक्सर।

                            आवाज की लहर अक्सर।

आवाज की लहर अक्सर आशाओं की कोशिश सुनाती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी जज्बात दिलाती है तरानों को उजालों की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर अंदाजों की समझ सुनाती है नजारों को दिशाओं की सरगम अरमान दिलाती है एहसासों को अदाओं की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर दास्तानों की सोच सुनाती है जज्बातों को किनारों की पहचान समझ दिलाती है इशारों को लम्हों की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर अफसानों की सरगम सुनाती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान रोशनी दिलाती है उम्मीदों को राहों की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर अरमानों की आहट सुनाती है खयालों को एहसासों की परख दास्तान दिलाती है जज्बातों को कदमों की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर इशारों की पुकार सुनाती है अल्फाजों को कदमों की आहट खयाल दिलाती है अरमानों को दिशाओं की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर जज्बातों की आहट सुनाती है खयालों को इशारों की कोशिश पहचान दिलाती है लहरों को नजारों की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर अल्फाजों की पुकार सुनाती है तरानों को उम्मीदों की तलाश दास्तान दिलाती है बदलावों को सपनों की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर इरादों की अहमियत सुनाती है उजालों को बदलावों की मुस्कान कोशिश दिलाती है लम्हों को अरमानों की सुबह दिलाती है।

आवाज की लहर अक्सर कदमों की सौगात सुनाती है आशाओं को इरादों की कहानी आस दिलाती है अफसानों को इशारों की सुबह दिलाती है।

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