Saturday, 13 December 2025

कविता. ५७२०. उम्मीद की सुबह अक्सर।

                           उम्मीद की सुबह अक्सर।

उम्मीद की सुबह अक्सर कोशिश देकर जाती है तरानों को बदलावों की समझ आवाज सुनाती है दिशाओं को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर सरगम देकर जाती है इरादों को अफसानों की सोच जज्बात सुनाती है आवाजों को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर पहचान देकर जाती है धाराओं को लहरों की कहानी अंदाज सुनाती है अदाओं को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर अल्फाज देकर जाती है आशाओं को राहों की परख पुकार सुनाती है तरानों को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर अरमान देकर जाती है इशारों को उजालों की कोशिश अहमियत सुनाती है दास्तानों को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर खयाल देकर जाती है राहों को जज्बातों की लहर इशारा सुनाती है आशाओं को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर अंदाज देकर जाती है लम्हों को अल्फाजों की दुनिया आहट सुनाती है किनारों को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर दास्तान देकर जाती है अदाओं को खयालों की आस तलाश सुनाती है नजारों को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर तराना देकर जाती है कदमों को तरानों की उमंग पहचान सुनाती है लम्हों को एहसास दिलाती है।

उम्मीद की सुबह अक्सर रोशनी देकर जाती है अरमानों को सपनों की पुकार कोशिश सुनाती है राहों को एहसास दिलाती है।



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कविता. ५७२०. उम्मीद की सुबह अक्सर।

                           उम्मीद की सुबह अक्सर। उम्मीद की सुबह अक्सर कोशिश देकर जाती है तरानों को बदलावों की समझ आवाज सुनाती है दिशाओं को ए...