Saturday 8 December 2018

कविता. २५५८. बादलों कि कोई निशानी दिखती है।

                                   बादलों कि कोई निशानी दिखती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से जीवन मे सरगम को एहसासों कि सुबह दिशाओं कि परख देती है नजारे को कुदरत कि अहमियत इशारे देती है अलग एहसासों कि राह को जज्बातों कि रोशनी देती है सूरज के एहसासों कि निशानी देती है नजारों कि दुनिया को लहरों कि उमंग देती है हवाओं को कुदरत कि अहमियत देती है उजाले को दिशाओं कि रोशनी देती है नजारे के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से नये सरगम पर कदमों कि झंकार झलकती है सुबह को शुरुआत कि धारा लहरों कि कहानी देती है तलाश को अल्फाजों कि जरुरत देती है नजारे को मौसम के एहसासों कि निशानी देती है नजारे को कुदरत के करिश्मों कि पहचान देती है खुबसुरत एहसास कि शुरुआत सुहानी देती है आसमान मे प्यारे से चंदा कि निशानी देती है मौसम के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से खयालों मे सपनों कि निशानी देती है छोटीसी मुस्कान को खुशियों कि पहचान देती है एहसास को दिशाओं कि जरुरत देती है नये सपनों कि निशानी देती है शुरुआत को मन के लहरों कि खुशियों कि कहानी देती है नये उजाले कि शुरुआत को जज्बातों कि जरुरत देती है सपनों कि जरुरत को एहसासों कि निशानी देती है दास्तान के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से दास्तानों को सितारों से जोडकर चलती है नये खयालों कि लहरों को अल्फाजों कि अहमियत देती है किसी किनारे से धीमे से नये सरगम कि शुरुआत देती है रोशनी कि चाहत के संग अंधियारे कि खुबसूरती देती है आस को नये सपनों कि जरुरत देती है कहानी को मौसम कि जरुरत देती है दास्तान को हर मोड के संग कोई कहानी देती है किनारे के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से किरदारों को दिशाओं से अंदाज को परख कर चलती है मौसम को बदलावों कि जरुरत देती है कोशिश को नये शुरुआत के एहसास को जज्बातों कि निशानी देती है नये बादलों कि पहचान इशारे देती है नजारे को एहसासों कि सरगम देती है नयी सुबह को रंगों कि निशानी देती है कुदरत के करिश्मों कि रोशनी को जज्बातों कि पहचान देती है एहसास के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से नये खयालों कि रोशनी से सुबह को उम्मीदों को जोडती चलती है शुरुआत को नजारों कि पहचान के संग सपनों कि दुनिया से जोडकर एहसासों कि सुबह देती है बादलों से सितारों कि दुनिया जुडती है जज्बात को नये आसमान से जुडकर आगे बढती है नये किनारों कि दास्तानों कि सौगात देती है नजारे को खुबसुरत एहसास को उजाले देती है रोशनी के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से सपनों कि दुनिया से एहसासों कि राह से निकलकर नयी रागिणी देती है एहसास को अल्फाजों कि अहमियत नये इशारे देती है कई रंगों कि पहचान तराने देती है कदमों को उजालों कि निशानी देती है बादलों कि निशानी कि रोशनी देती है एहसास को किनारों कि सुबह एहसासों कि रोशनी देती है बादलों से जुडकर रोशनी देती है दास्तान के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से रंगों कि पहचान से कदमों कि रोशनी से परखकर नयी उम्मीद देती है मुस्कान को खुशियों कि आस नये आवाज को पुकार देती है नजारे के संग उजाले कि शुरुआत सपने से जुडकर चलती है आशाओं को अल्फाजों कि निशानी देती है बादलों मे छुपी हुई कोई कहानी देती है एहसास को रंगों से समझ लेने कहानी देती है अफसाने के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से आशाओं कि कहानी को नये एहसासों कि राह देती है खुशियों कि सौगात को जज्बातों कि उमंग देती है नजारे को खुबसुरत एहसास कि पूंजी देती है आवाज को एहसासों कि सुबह आशाएं देती है किनारे को अंदाजों कि जरुरत आसमानों कि रोशनी देती है सपनों कि दुनिया को नयी राह देती है दास्तान को लहरों कि अहमियत किनारे देती है पुकार के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।
आसमान मे बादलों कि कोई निशानी दिखती है चुपके से कुदरत कि रोशनी को नये अफसानों कि सुबह देती है मुस्कान कि छोटीशी उम्मीद को एहसासों कि कहानी देती है सपनों कि दुनिया अलग दिशाओं कि पहचान देती है जज्बात को अफसानों कि सरगम देती है दुनिया को नयी खुशी कि पहचान इशारे देती है खुशियों कि पुकार को अफसानों कि जरुरत देती है आवाज को लहरों कि उमंग देती है दास्तान के सूरज को किरणों कि सौगात देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६०. आवाज को दिशाओं की।

                              आवाज को दिशाओं की। आवाज को दिशाओं की उमंग अफसाना दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है दास्तान...