Thursday, 1 August 2024

कविता. ५२५१. लम्हों को खयालों की।

                              लम्हों को खयालों की।

लम्हों को खयालों की सरगम दिशाएं देती है कदमों को उजालों की आहट अफसाना देती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की मुस्कान दास्तान देती है अदाओं को तरानों की पुकार आस देती है आवाजों को राहों की कोशिश संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की सौगात तलाश देती है लहरों को नजारों की समझ पहचान देती है अंदाजों को बदलावों की सौगात संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की उमंग रोशनी देती है किनारों को सपनों की सुबह कोशिश देती है अरमानों को दिशाओं की उम्मीद संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की कहानी सरगम देती है इशारों को आशाओं की सोच तलाश देती है एहसासों को दास्तानों की आस संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की पुकार सहारा देती है अल्फाजों को राहों की परख अहमियत देती है तरानों को अरमानों की पुकार संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की पहचान जज्बात देती है सपनों को एहसासों की कहानी समझ देती है किनारों को अफसानों की आहट संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की आस दास्तान देती है बदलावों को दिशाओं की आस सरगम देती है नजारों को अंदाजों की परख संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की सुबह सोच देती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी बदलाव देती है आशाओं को जज्बातों की रोशनी संग इरादा देती है।

लम्हों को खयालों की आवाज उजाला देती है नजारों को दिशाओं की उमंग अरमान देती है आवाजों को राहों की कहानी इरादा देती है।

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