Tuesday, 20 August 2024

कविता. ५२४०. आवाजों को राहों की।

                              आवाजों को राहों की।

आवाजों को राहों की मुस्कान पहचान दिलाती है लहरों को इशारों की समझ कोशिश सुनाती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की सौगात अरमान दिलाती है लम्हों को खयालों की कहानी अफसाना सुनाती है नजारों को दिशाओं की सौगात जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की उमंग खयाल दिलाती है अरमानों को दिशाओं की आस अल्फाज सुनाती है बदलावों को लहरों की सुबह जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की रोशनी इरादा दिलाती है उम्मीदों को कदमों की आहट सरगम सुनाती है तरानों को एहसासों की पुकार जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की सोच सपना दिलाती है नजारों को अल्फाजों की मुस्कान तलाश सुनाती है लम्हों को दास्तानों की परख जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की पुकार सहारा दिलाती है आशाओं को अंदाजों की पहचान आस सुनाती है लहरों को खयालों की कहानी जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की आस आहट दिलाती है इरादों को अफसानों की आहट सरगम सुनाती है किनारों को सपनों की सोच जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की उम्मीद कोशिश दिलाती है किनारों को लहरों की सौगात खयाल सुनाती है अफसानों को नजारों की समझ जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की लहर दास्तान दिलाती है बदलावों को दिशाओं की आस परख सुनाती है दास्तानों को उजालों की पहचान जज्बात दिलाती है।

आवाजों को राहों की आस नजारा दिलाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान सोच सुनाती है तरानों को दिशाओं की कोशिश जज्बात दिलाती है।

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