Sunday, 18 August 2024

कविता. ५२३८. नजारों को अदाओं की।

                              नजारों को अदाओं की।

नजारों को अदाओं की पुकार आवाज सुनाती है जज्बातों को कदमों की आहट अक्सर अफसाना दिलाती है लम्हों को सपनों की समझ सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की सोच सरगम सुनाती है तरानों को उम्मीदों की परख अक्सर उमंग दिलाती है आवाजों को राहों की कोशिश सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की सौगात तलाश सुनाती है अफसानों को दिशाओं की कहानी अक्सर उजाला दिलाती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की सुबह अल्फाज सुनाती है अल्फाजों को खयालों की पुकार अक्सर रोशनी दिलाती है दास्तानों को लहरों की सरगम सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की कहानी आस सुनाती है किनारों को अंदाजों की पहचान अक्सर सपना दिलाती है इशारों को राहों की सौगात सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की रोशनी अरमान सुनाती है आशाओं को बदलावों की सोच अक्सर दास्तान दिलाती है एहसासों को कदमों की आस सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की उम्मीद ‌अहमियत सुनाती है इशारों को उजालों की आवाज अक्सर तराना दिलाती है जज्बातों को अल्फाजों की कहानी सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की लहर पहचान सुनाती है बदलावों को दिशाओं की आस अक्सर सौगात दिलाती है उम्मीदों को आशाओं की पुकार सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की परख रोशनी सुनाती है अरमानों को तरानों की समझ सरगम दिलाती है खयालों को इरादों की पहचान सहारा दिलाती है।

नजारों को अदाओं की उमंग किनारा सुनाती है आवाजों को राहों की कहानी उम्मीद दिलाती है अफसानों को लहरों की मुस्कान सहारा दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...