Wednesday, 28 August 2024

कविता. ५२४८. किनारों को अल्फाजों की।

                            किनारों को अल्फाजों की।

किनारों को अल्फाजों की कोशिश सरगम देती है दास्तान को सपनों की उमंग खयाल दिलाती है लम्हों को अरमानों की पुकार पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की मुस्कान उम्मीद देती है तराने को लहरों की कहानी सौगात दिलाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की तलाश इरादा देती है बदलाव को कदमों की आस आवाज दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की परख पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की सोच अदा देती है अरमानों को दिशाओं की समझ सरगम दिलाती है तरानों को उजालों की सुबह पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की राह समझ देती है आशाओं को बदलावों की सोच अरमान दिलाती है लहरों को एहसासों की कहानी पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की उमंग खयाल देती है नजारों को राहों की मुस्कान अहमियत दिलाती है अफसानों को जज्बातों की आवाज पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की आस तलाश देती है आवाजों को राहों की आहट सोच दिलाती है एहसासों को अंदाजों की परख पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की रोशनी लम्हा देती है अंदाजों को इरादों की कहानी तलाश दिलाती है उम्मीदों को दिशाओं की समझ पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की आहट अदा देती है कोशिश को लहरों की सुबह एहसास दिलाती है इरादों को आशाओं की उम्मीद पहचान दिलाती है।

किनारों को अल्फाजों की सरगम सपना देती है खयालों को अंदाजों की कोशिश इशारा दिलाती है कदमों को लम्हों की रोशनी पहचान दिलाती है।

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