Wednesday, 7 August 2024

कविता. ५२५७. राहों को सपनों की।

                                  राहों को सपनों की।

राहों को सपनों की समझ इशारा दिलाती है कदमों संग किनारों की सरगम मुस्कान दिलाती है अंदाजों से आवाजों की धून जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की सौगात तलाश दिलाती है अल्फाजों संग आशाओं की सुबह आस दिलाती है लहरों से एहसासों की कोशिश जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की आस अरमान दिलाती है अदाओं संग अरमानों की पुकार अफसाना दिलाती है उजालों से आशाओं की सुबह जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की उमंग खयाल दिलाती है लम्हों संग बदलावों की मुस्कान सहारा दिलाती है तरानों से किनारों की सोच जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की लहर अंदाज दिलाती है दास्तानों संग अदाओं की परख कोशिश दिलाती है इशारों से आशाओं की कहानी जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की आवाज धून दिलाती है दिशाओं संग खयालों की उमंग सरगम दिलाती है खयालों से लम्हों की आहट जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की सुबह पहचान दिलाती है उम्मीदों संग तरानों की अहमियत बदलाव दिलाती है इरादों से सपनों की मुस्कान जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की सोच सहारा दिलाती है आवाजों संग नजारों की कोशिश सरगम दिलाती है अरमानों से आशाओं की आस जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की कोशिश परख दिलाती है अंदाजों संग अदाओं की पुकार किनारा दिलाती है अफसानों से दास्तानों की पहचान जज्बात दिलाती है।

राहों को सपनों की अदा बदलाव दिलाती है इरादों संग किनारों की अहमियत खयाल दिलाती है लम्हों से नजारों की कहानी जज्बात दिलाती है।



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