Friday, 11 April 2025

कविता. ५४७४. खयालों की राह अक्सर।

                         खयालों की राह अक्सर।

खयालों की राह अक्सर इरादा देती है एहसासों को आशाओं की महफिल आस देती है अंदाजों को नजारों की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर मुस्कान देती है किनारों को लहरों की सरगम कोशिश देती है अफसानों को लम्हों की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर सुबह देती है इशारों को जज्बातों की आहट सपना देती है अल्फाजों को दिशाओं की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर दास्तान देती है सपनों को अरमानों की सोच तलाश देती है सपनों को उजालों की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर अफसाना देती है तरानों को बदलावों की पुकार रोशनी देती है अंदाजों को आवाजों की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर नजारा देती है अरमानों को कदमों की आस उमंग देती है सपनों को जज्बातों की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर कोशिश देती है लहरों को आवाजों की धून तराना देती है दास्तानों को किनारों की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर उमंग देती है उम्मीदों को अल्फाजों की दुनिया कोशिश देती है अदाओं को सपनों की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर लहर देती है बदलावों को धाराओं की समझ पहचान देती है अरमानों को आशाओं की सौगात देती है।

खयालों की राह अक्सर पुकार देती है इरादों को अंदाजों की पुकार अफसाना देती है दिशाओं को धाराओं की सौगात देती है।

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कविता. ५४८६. राहों को बदलावों की।

                             राहों को बदलावों की। राहों को बदलावों की पुकार मुस्कान दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की समझ कोशिश सुनाती है उजाल...