Wednesday, 16 April 2025

कविता. ५४७९. इस उम्मीद की।

                               इस उम्मीद की।

इस उम्मीद की कोशिश तलाश दिलाती है लहरों को खयालों की समझ अरमान सुनाती है एहसासों को अफसानों की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की सौगात सरगम दिलाती है राहों को अरमानों की सोच अहमियत सुनाती है नजारों को दिशाओं की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की उमंग किनारा दिलाती है आवाजों को धाराओं की सौगात तराना सुनाती है खयालों को सपनों की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की आवाज एहसास दिलाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया पुकार सुनाती है इशारों को जज्बातों की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की सोच मुस्कान दिलाती है बदलावों को लहरों की कोशिश आस सुनाती है उजालों को आशाओं की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की पहचान इरादा दिलाती है लम्हों को अंदाजों की रोशनी किनारा सुनाती है तरानों को अरमानों की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की आहट खयाल दिलाती है सपनों को आशाओं की राह परख सुनाती है आवाजों को किनारों की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की रोशनी इशारा दिलाती है बदलावों को धाराओं की आस लहर सुनाती है अदाओं को अल्फाजों की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की कहानी पुकार दिलाती है उजालों को नजारों की आवाज धारा सुनाती है अंदाजों को दास्तानों की सुबह दिलाती है।

इस उम्मीद की समझ अरमान दिलाती है आशाओं को कदमों की आस लम्हा सुनाती है जज्बातों को अदाओं की सुबह दिलाती है।


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कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

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