Wednesday, 2 April 2025

कविता. ५४६५. लम्हों को एहसासों की।

                      लम्हों को एहसासों की।

लम्हों को एहसासों की पहचान इशारा देती है दिशाओं को अरमानों की सोच सरगम देती है किनारों को कदमों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की कोशिश उम्मीद देती है तरानों को इशारों की तलाश सुबह देती है अफसानों को आशाओं की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की उमंग नजारा देती है आवाजों को धाराओं की समझ सौगात देती है जज्बातों को बदलावों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की रोशनी मुस्कान देती है अंदाजों को सपनों की पुकार अल्फाज देती है उजालों को अरमानों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की सुबह लहर देती है इरादों को किनारों की अहमियत दास्तान देती है अदाओं को राहों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की सौगात तलाश देती है अफसानों को सपनों की आहट उमंग देती है खयालों को जज्बातों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की पुकार सपना देती है आवाजों को कदमों की आवाज सरगम देती है किनारों को अंदाजों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की उम्मीद बदलाव देती है कदमों को खयालों की सोच उजाला देती है तरानों को उम्मीदों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की सरगम आवाज देती है तरानों को बदलावों की राह मुस्कान देती है इरादों को लहरों की आस देती है।

लम्हों को एहसासों की कोशिश परख देती है अफसानों को आशाओं की उमंग तराना देती है नजारों को आवाजों की आस देती है।

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