Monday, 7 April 2025

कविता. ५४७०. उजालों को आशाओं की।

                            उजालों को आशाओं की।

उजालों को आशाओं की सरगम सुबह दिलाती है कदमों की सौगात अक्सर मुस्कान सुनाती है एहसासों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की पहचान खयाल दिलाती है अंदाजों की पुकार अक्सर अफसाना सुनाती है नजारों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की उमंग अरमान दिलाती है इशारों की आस अक्सर उम्मीद सुनाती है अफसानों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की तलाश किनारा दिलाती है दास्तानों की तलाश अक्सर सपना सुनाती है राहों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की पुकार इरादा दिलाती है कदमों की समझ अक्सर आस सुनाती है लहरों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की सोच सौगात दिलाती है खयालों की सोच अक्सर इरादा सुनाती है अल्फाजों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की महफिल तराना दिलाती है लम्हों की अहमियत अक्सर कोशिश सुनाती है तरानों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की रोशनी आस दिलाती है अरमानों की आहट अक्सर उमंग सुनाती है धाराओं की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की दास्तान अंदाज दिलाती है लहरों की पहचान अक्सर आहट सुनाती है इरादों की आवाज सुनाती है।

उजालों को आशाओं की आस कोशिश दिलाती है अफसानों की सोच अक्सर एहसास सुनाती है कदमों की आवाज सुनाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५४७६. किनारों को कदमों की।

                          किनारों को कदमों की। किनारों को कदमों की सौगात तलाश दिलाती है अफसानों की सोच अक्सर पहचान दिलाती है आशाओं की महफिल ...