Thursday, 3 April 2025

कविता. ५४६६. आशाओं की सरगम संग।

                            आशाओं की सरगम संग।

आशाओं की सरगम संग लहर‌ इशारा दिलाती है अदाओं को सपनों की पुकार सौगात दिलाती है तरानों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग आस उम्मीद दिलाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश अरमान दिलाती है राहों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग अंदाज मुस्कान दिलाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया खयाल दिलाती है तरानों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग उमंग अफसाना दिलाती है किनारों को कदमों की पहचान आवाज दिलाती है लम्हों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग आहट आहट दिलाती है लहरों को खयालों की सोच एहसास दिलाती है कदमों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग दास्तान बदलाव दिलाती है जज्बातों को इशारों की समझ तलाश दिलाती है अरमानों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग‌ सुबह अल्फाज दिलाती है अफसानों को अल्फाजों की आस‌ उम्मीद दिलाती है एहसासों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग समझ‌ तराना दिलाती है कदमों को आवाजों की धून अहमियत दिलाती है सपनों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग अदा इरादा दिलाती है किनारों को उम्मीदों की रोशनी धून दिलाती है खयालों को उजाला दिलाती है।

आशाओं की सरगम संग कोशिश लहर दिलाती है लम्हों को एहसासों की सौगात मुस्कान दिलाती है नजारों को उजाला दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...