Saturday, 19 August 2023

कविता. ४९०३. उम्मीदों की तलाश संग।

                                        उम्मीदों की तलाश संग।

उम्मीदों की तलाश संग आशाओं से पहचान महफिल दिलाती है कदमों को अदाओं की कहानी खयाल दिलाती है आवाजों को राहों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग किनारों से आस कोशिश दिलाती है लम्हों को दास्तानों की पुकार एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग अंदाजों से रोशनी अरमान दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह तराना दिलाती है अदाओं को तरानों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग दिशाओं से आवाज किनारा दिलाती है जज्बातों को कदमों की आहट उमंग दिलाती है लम्हों को नजारों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग दास्तानों से सरगम सपना दिलाती है लहरों को इशारों की समझ बदलाव दिलाती है राहों को अंदाजों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग इशारों से सुबह पहचान दिलाती है आवाजों को लहरों की सोच अफसाना दिलाती है कदमों को उजालों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग कदमों से पुकार अल्फाज दिलाती है अरमानों को किनारों की रोशनी नजारा दिलाती है एहसासों को आशाओं की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग आवाजों से धून खयाल दिलाती है सपनों को एहसासों की कहानी कोशिश दिलाती है तरानों को इरादों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग राहों से समझ बदलाव दिलाती है दास्तानों को अदाओं की पुकार सरगम दिलाती है आवाजों को कदमों की सौगात दिलाती है।

उम्मीदों की तलाश संग अल्फाजों से आस लहर दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सोच दिलाती है अफसानों को अल्फाजों की सौगात दिलाती है।

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