Friday, 4 August 2023

कविता. ४८८८. सपनों की सुबह अक्सर।

                                    सपनों की सुबह अक्सर।

सपनों की सुबह अक्सर अरमानों से तलाश दिलाती है अल्फाजों को उजालों की समझ उमंग सुनाती है जज्बातों को कदमों की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर अंदाजों से खयाल दिलाती है अरमानों को राहों की सौगात उम्मीद सुनाती है नजारों को दिशाओं की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर एहसासों से पहचान दिलाती है इशारों को लम्हों की कोशिश पुकार सुनाती है उम्मीदों को इरादों की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर आशाओं से तराना दिलाती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान आहट सुनाती है उजालों को अदाओं की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर जज्बातों से उम्मीद दिलाती है दिशाओं को कदमों की सोच तराना सुनाती है लहरों को इशारों की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर दास्तानों से इरादा दिलाती है खयालों को अंदाजों की राह अफसाना सुनाती है आशाओं को किनारों की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर उजालों से मुस्कान दिलाती है आशाओं को तरानों की कोशिश उमंग सुनाती है खयालों को अल्फाजों की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर आवाजों से धून दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी कोशिश सुनाती है आशाओं को उजालों की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर दास्तानों से सरगम दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सौगात सुनाती है इशारों को लम्हों की आस सुनाती है।

सपनों की सुबह अक्सर बदलावों से दास्तान दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की समझ मुस्कान सुनाती है अदाओं को तरानों की आस सुनाती है।

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