Sunday, 27 August 2023

कविता. ४९११. लहरों की मुस्कान अक्सर।

                                       लहरों की मुस्कान अक्सर।

लहरों की मुस्कान अक्सर अरमानों की राह अल्फाज देकर जाती है जज्बातों को कदमों की आहट पहचान कोशिश देती है तरानों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर आवाजों की धून अफसाना देकर जाती है दास्तानों को एहसासों की आस परख देती है अल्फाजों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर अंदाजों की रोशनी पुकार देकर जाती है आशाओं को बदलावों की समझ राह देती है कदमों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर आशाओं की सोच बदलाव देकर जाती है कदमों को अदाओं की रोशनी सपना देती है नजारों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर नजारों की कोशिश सौगात देकर जाती है किनारों को आशाओं की लहर सुबह देती है जज्बातों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर दिशाओं की उमंग सरगम देकर जाती है अफसानों को दास्तानों की सौगात किनारा देती है अरमानों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर कदमों की आहट तराना देकर जाती है अंदाजों को बदलावों की सोच इशारा देती है सपनों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर दास्तानों की सुबह समझ देकर जाती है अल्फाजों को नजारों की सुबह कोशिश देती है उजालों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर लहरों की सोच तलाश देकर जाती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान इरादा देती है उम्मीदों से तलाश दिलाती है।

लहरों की मुस्कान अक्सर किनारों की परख देकर जाती है इशारों को लम्हों की पहचान कोशिश देती है अल्फाजों से तलाश दिलाती है।

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