Wednesday, 23 August 2023

कविता. ४९०७. सपनों की आस संग।

                                          सपनों की आस संग।

सपनों की आस संग सरगम एहसासों की पहचान दिलाती है किनारों को अल्फाजों से उजालों की अहमियत रोशनी दिलाती है दिशाओं को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग तलाश कदमों की सुबह दिलाती है अफसानों को आशाओं से इशारों की समझ आवाज दिलाती है आवाजों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग दास्तान दिशाओं की समझ दिलाती है एहसासों को उम्मीदों से धाराओं की कहानी तलाश दिलाती है खयालों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग सुबह किनारों की कोशिश दिलाती है इशारों को लम्हों से आवाजों की धून अफसाना दिलाती है लहरों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग राह नजारों की सौगात दिलाती है खयालों को अरमानों से कदमों की सुबह परख दिलाती है जज्बातों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग कोशिश अंदाजों की परख दिलाती है अदाओं को तरानों से नजारों की सरगम पुकार दिलाती है राहों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग मुस्कान अदाओं की समझ दिलाती है लहरों को इशारों से अरमानों की पहचान सहारा दिलाती है अल्फाजों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग कोशिश उजालों की सरगम दिलाती है अफसानों को आशाओं से दास्तानों की समझ लहर दिलाती है नजारों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग उमंग जज्बातों की अफसाना दिलाती है खयालों को अंदाजों से नजारों की सरगम आस दिलाती है इरादों को सोच सुनाती है।

सपनों की आस संग उम्मीद तरानों की सौगात दिलाती है आवाजों को राहों से एहसासों की कहानी तलाश दिलाती है बदलावों को सोच सुनाती है।

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