Sunday, 13 August 2023

कविता. ४८९७. खयालों को अंदाजों की।

                                       खयालों को अंदाजों की।

खयालों को अंदाजों की कोशिश सपना सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी तलाश दिलाती है दास्तानों को एहसासों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की परख सुबह सुनाती है जज्बातों को कदमों की सरगम आस दिलाती है अरमानों को उजालों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की पहचान तराना सुनाती है किनारों को अल्फाजों की रोशनी आवाज दिलाती है लहरों को इशारों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की सोच सरगम सुनाती है बदलावों को लम्हों की लहर एहसास दिलाती है कदमों को जज्बातों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की दास्तान आवाज सुनाती है लहरों को उम्मीदों की समझ सुबह दिलाती है आशाओं को तरानों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की आस समझ सुनाती है इरादों को आशाओं की उमंग अदा दिलाती है किनारों को अल्फाजों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की रोशनी सोच सुनाती है लम्हों को दास्तानों की आहट तलाश दिलाती है तरानों को उम्मीदों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की अदा सहारा सुनाती है जज्बातों को अदाओं की सौगात कोशिश दिलाती है आवाजों को राहों की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की राह तलाश सुनाती है आशाओं को इशारों की समझ सोच दिलाती है अफसानों से धाराओं की पुकार सुनाती है।

खयालों को अंदाजों की उमंग एहसास सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी बदलाव दिलाती है आशाओं से अरमानों की पुकार सुनाती है।

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