Tuesday 22 August 2023

कविता. ४९०६. किनारों संग आशाओं की।

                                        किनारों संग आशाओं की।

किनारों संग आशाओं की पहचान सहारा देती है कदमों को अदाओं की सौगात इशारा देती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की सरगम उमंग देती है अंदाजों को बदलावों की राह आस देती है अल्फाजों को उजालों की सुबह तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की सुबह कोशिश देती है सपनों को एहसासों की कहानी तलाश देती है नजारों को दिशाओं की सोच तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की आस पुकार देती है दास्तानों को जज्बातों की सोच अफसाना देती है आवाजों को लहरों की सौगात तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की परख खयाल देती है अदाओं को अरमानों की आहट राह देती है लम्हों को अरमानों की आस तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की अदा सरगम देती है नजारों को अल्फाजों की मुस्कान उमंग देती है इशारों को आवाजों की धून तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की रोशनी समझ देती है जज्बातों को इरादों की सौगात अल्फाज देती है कदमों को अदाओं की कहानी तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की राह अरमान देती है अंदाजों को लहरों की आस आवाज देती है इरादों को खयालों की मुस्कान तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की सौगात तलाश देती है राहों को सपनों की पहचान आहट देती है आवाजों को बदलावों की समझ तराना देती है।

किनारों संग आशाओं की उम्मीद एहसास देती है दिशाओं को लम्हों की धून अफसाना देती है उजालों को सपनों की मुस्कान तराना देती है।

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