Thursday, 12 December 2024

कविता. ५३५४. इशारों को लम्हों की।

                                इशारों को लम्हों की।

इशारों को लम्हों की सरगम लहर दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह एहसास जगाती है राहों को अंदाजों की पहचान तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की आस अल्फाज दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी अफसाना जगाती है जज्बातों को कदमों की सोच तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की रोशनी समझ दिलाती है तरानों को अरमानों की उमंग खयाल जगाती है आवाजों को अदाओं की आहट तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की परख पुकार दिलाती है उम्मीदों को आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती है बदलावों को सपनों की कहानी तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की उमंग खयाल दिलाती है दास्तानों को अंदाजों की समझ तराना जगाती है किनारों को अल्फाजों की सौगात तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की राह पहचान दिलाती है जज्बातों को कदमों की आहट बदलाव जगाती है अफसानों को आशाओं की मुस्कान तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की कोशिश इरादा दिलाती है आवाजों को अदाओं की सौगात उजाला जगाती है खयालों को लम्हों की कोशिश तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की उम्मीद तराना दिलाती है आशाओं को एहसासों की अदा आवाज जगाती है अल्फाजों को लहरों की राह तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की सोच किनारा दिलाती है दिशाओं को इरादों की कहानी सरगम जगाती है आशाओं को एहसासों की सोच तलाश दिलाती है।

इशारों को लम्हों की सौगात परख दिलाती है कदमों को आवाजों की धून अहमियत जगाती है इरादों को तरानों की कोशिश तलाश दिलाती है।

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