Sunday, 8 December 2024

कविता. ५३५०. कोशिश संग अरमानों की।

                          कोशिश संग अरमानों की।

कोशिश संग अरमानों की पुकार तलाश दिलाती है लहरों को इशारों की उमंग एहसास सुनाती है उजालों को सपनों की आहट सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की सुबह आवाज दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान अफसाना सुनाती है जज्बातों को राहों की कहानी सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की सोच नजारा दिलाती है कदमों को उजालों की पहचान उमंग सुनाती है इशारों को आशाओं की सौगात सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की परख दास्तान दिलाती है किनारों को सपनों की सोच पुकार सुनाती है नजारों को दिशाओं की पहचान सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की आस लहर दिलाती है आवाजों को राहों की कहानी खयाल सुनाती है तरानों को दास्तानों की समझ सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की रोशनी जज्बात दिलाती है अदाओं को दिशाओं की परख इरादा सुनाती है उम्मीदों को किनारों की पुकार सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की आहट अल्फाज दिलाती है बदलावों को लम्हों की अहमियत अंदाज सुनाती है इरादों को आवाजों की धून सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है आशाओं को दास्तानों की समझ सोच सुनाती है खयालों को कदमों की आहट सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की समझ आवाज दिलाती है अल्फाजों को उजालों की उमंग परख सुनाती है उम्मीदों को नजारों की सुबह सरगम सुनाती है।

कोशिश संग अरमानों की सौगात आस दिलाती है कदमों को इशारों की कहानी तलाश सुनाती है अफसानों को दिशाओं की समझ सरगम सुनाती है।

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कविता. ५४७०. उजालों को आशाओं की।

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