Thursday, 26 December 2024

कविता. ५३६८. एक आस एहसासों की।

                             एक आस एहसासों की।

एक आस एहसासों की कहानी सुनाकर जाती है सपनों को अरमानों की पुकार पहचान देकर जाती है लहरों को इशारों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की कोशिश सुनाकर जाती है बदलावों को दिशाओं की समझ सरगम देकर जाती है तरानों को उम्मीदों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की आवाज सुनाकर जाती है अदाओं को लहरों की मुस्कान दास्तान देकर जाती है धाराओं को अल्फाजों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की सोच सुनाकर जाती है आशाओं को कदमों की पुकार सहारा देकर जाती है खयालों को नजारों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की तलाश सुनाकर जाती है दिशाओं को अंदाजों की परख सौगात देकर जाती है किनारों को अफसानों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की आहट सुनाकर जाती है इरादों को धाराओं की सोच उम्मीद देकर जाती है उजालों को सपनों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की उम्मीद सुनाकर जाती है नजारों को आवाजों की धून रोशनी देकर जाती है उम्मीदों को लम्हों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की लहर सुनाकर जाती है किनारों को राहों की सरगम तलाश देकर जाती है बदलावों को जज्बातों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की सौगात सुनाकर जाती है आशाओं को सपनों की परख लहर देकर जाती है किनारों को अंदाजों की सुबह दिलाती है।

एक आस एहसासों की उमंग सुनाकर जाती है अंदाजों को बदलावों की पुकार कोशिश देकर जाती है राहों को आवाजों की सुबह दिलाती है।

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