Sunday, 22 December 2024

कविता. ५३६४. कदमों को उजालों की।

                              कदमों को उजालों की।

कदमों को उजालों की समझ कोशिश देकर जाती है उम्मीदों को राहों की सुबह अरमान जगाती है किनारों को अल्फाजों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की पुकार आवाज देकर जाती है दिशाओं को बदलावों की आस अंदाज जगाती है इशारों को नजारों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की रोशनी सपना देकर जाती है लहरों को अफसानों की समझ उमंग जगाती है एहसासों को राहों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की सुबह अरमान देकर जाती है खयालों को अंदाजों की परख पहचान जगाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की दिशा एहसास देकर जाती है जज्बातों को आवाजों की धून पुकार जगाती है लहरों को अरमानों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की कहानी तलाश देकर जाती है इशारों को दास्तानों की सौगात आहट जगाती है दिशाओं को लम्हों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की सोच इरादा देकर जाती है अंदाजों को तरानों की अहमियत सहारा जगाती है खयालों को किनारों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की धाराएं आस देकर जाती है लहरों को इशारों की कहानी तलाश जगाती है अंदाजों को दास्तानों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की परख उमंग देकर जाती है आशाओं को एहसासों की आस अल्फाज जगाती है इरादों को सपनों की मुस्कान देकर जाती है।

कदमों को उजालों की सौगात बदलाव देकर जाती है दास्तानों को दिशाओं की कहानी तराना जगाती है लम्हों को अफसानों की मुस्कान देकर जाती है।

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