Friday, 27 December 2024

कविता. ५३६९. उजालों की सुबह अक्सर।

                          उजालों की सुबह अक्सर।

उजालों की सुबह अक्सर आवाज सुनाती है अंदाजों को बदलावों की पहचान इरादा दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर अफसाना सुनाती है दिशाओं को कदमों की सौगात तलाश दिलाती है किनारों को सपनों की मुस्कान सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर जज्बात सुनाती है लहरों को एहसासों की कहानी उम्मीद दिलाती है अफसानों को आशाओं की कोशिश सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर आहट सुनाती है लम्हों को इरादों की पुकार अरमान दिलाती है अल्फाजों को राहों की उमंग सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर नजारा सुनाती है अदाओं को किनारों की आहट बदलाव दिलाती है जज्बातों को कदमों की सोच सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर कोशिश सुनाती है बदलावों को राहों की सोच अफसाना दिलाती है आवाजों को तरानों की पुकार सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर तराना सुनाती है इशारों को लहरों की आवाज एहसास दिलाती है दास्तानों को अरमानों की पहचान सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर अंदाज सुनाती है राहों को अरमानों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है दिशाओं को अल्फाजों की आस सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर पुकार सुनाती है लम्हों को खयालों की समझ इशारा दिलाती है किनारों को नजारों की कहानी सरगम सुनाती है।

उजालों की सुबह अक्सर उम्मीद सुनाती है आशाओं को लम्हों की सौगात इरादा दिलाती है कदमों को आवाजों की धून सरगम सुनाती है।

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