Wednesday, 18 December 2024

कविता. ५३६०.एक खयाल संग।

                              एक खयाल संग।

एक खयाल संग आशाओं की पहचान इशारा दिलाती है किनारों को अल्फाजों की समझ परख सुनाती है कदमों को अदाओं की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग बदलावों की समझ जज्बात दिलाती है लम्हों को अरमानों की पुकार अरमान सुनाती है नजारों को उजालों की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग नजारों की कोशिश सपना दिलाती है इशारों को लम्हों की पहचान उमंग सुनाती है अफसानों को अंदाजों की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग तरानों की सौगात तलाश दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की सोच तलाश सुनाती है अल्फाजों को इरादों की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग जज्बातों की आहट पुकार दिलाती है अदाओं को कदमों की आस अंदाज सुनाती है उम्मीदों को बदलावों की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग उजालों की सोच सहारा दिलाती है आशाओं को एहसासों की सोच सरगम सुनाती है किनारों को राहों की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग अफसानों की रोशनी तराना दिलाती है धाराओं को बदलावों की मुस्कान आहट सुनाती है आवाजों को अदाओं की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग उम्मीदों की उमंग परख दिलाती है इरादों को आशाओं को किनारों की सुबह आस सुनाती है लम्हों को लहरों की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग अरमानों की कहानी उमंग दिलाती है अंदाजों को तरानों की अहमियत उम्मीद सुनाती है अफसानों को धाराओं की कहानी सुनाती है।

एक खयाल संग अरमानों की आस नजारा दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की आस एहसास सुनाती है सपनों को तरानों की कहानी सुनाती है।


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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...