Sunday, 15 December 2024

कविता. ५३५७.उम्मीदों को कदमों की।

                            उम्मीदों को कदमों की।

उम्मीदों को कदमों की पुकार एहसास दिलाती है लहरों को किनारों से आवाजों की धून अफसाना दिलाती है तरानों की पुकार अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की आस खयाल दिलाती है दिशाओं को बदलावों से अंदाजों की परख आवाज दिलाती है लम्हों की कहानी अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की रोशनी सपना दिलाती है दास्तानों को राहों से आशाओं की मुस्कान कोशिश दिलाती है इशारों की समझ अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की सरगम पुकार दिलाती है एहसासों को जज्बातों से नजारों की सोच तलाश दिलाती है उजालों की सुबह अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की सौगात अरमान दिलाती है अंदाजों को खयालों से अरमानों की कोशिश दास्तान दिलाती है आवाजों की धून अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की अदा पहचान दिलाती है अदाओं को सपनों से इशारों की समझ उजाला दिलाती है खयालों की उमंग अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की राह कोशिश दिलाती है सपनों को एहसासों से जज्बातों की कहानी बदलाव दिलाती है इरादों की सोच अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की आहट सुबह दिलाती है अरमानों को लम्हों से दिशाओं की सौगात अदा दिलाती है दिशाओं की पहचान अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की सोच किनारा दिलाती है आवाजों को राहों से अरमानों की समझ आवाज दिलाती है किनारों की आस अल्फाज दिलाती है।

उम्मीदों को कदमों की परख लहर दिलाती है लहरों को लम्हों से किनारों की अहमियत तलाश दिलाती है एहसासों की रोशनी अल्फाज दिलाती है।

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