Wednesday, 17 December 2025

कविता. ५७२४. कदमों को अल्फाजों की।

                        कदमों को अल्फाजों की।

कदमों को अल्फाजों की दुनिया सरगम सुनाती है तरानों की महफिल अक्सर एहसासों के सपने देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की आस अहमियत सुनाती है खयालों की सुबह अक्सर दास्तानों के उजाले देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की रोशनी बदलाव सुनाती है लहरों की कहानी अक्सर अफसानों के इशारे देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की कोशिश लम्हा सुनाती है किनारों की दुनिया अक्सर अंदाजों के तराने देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की सौगात समझ सुनाती है आशाओं की आस अक्सर इशारों के नजारे देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की लहर अफसाना सुनाती है अंदाजों की पुकार अक्सर दिशाओं के लम्हे देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की समझ आवाज सुनाती है बदलावों की उमंग अक्सर अरमानों के किनारे देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की सोच एहसास सुनाती है आवाजों की धून अक्सर आशाओं के उम्मीदे देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की परख तलाश सुनाती है एहसासों की कोशिश अक्सर राहों के लहरे देकर आगे बढती जाती है।

कदमों को अल्फाजों की पहचान मुस्कान सुनाती है नजारों की दुनिया अक्सर खयालों के अफसाने देकर आगे बढती जाती है।

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