Thursday, 18 December 2025

कविता. ५७२५. राहों की रोशनी अक्सर।

                           राहों की रोशनी अक्सर।

राहों की रोशनी अक्सर कहानी सुनाती है धाराओं को उम्मीदों की कोशिश पहचान दिलाती है अंदाजों को सपनों की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर आवाज सुनाती है खयालों को नजारों की आस अफसाना दिलाती है किनारों को तरानों की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर सरगम सुनाती है जज्बातों को बदलावों की पुकार अंदाज दिलाती है एहसासों को दिशाओं की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर आस सुनाती है किनारों को उजालों की सुबह दास्तान दिलाती है कदमों को आशाओं की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर उमंग सुनाती है आवाजों को धाराओं की पहचान तलाश दिलाती है अरमानों को लम्हों की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर अल्फाज सुनाती है कदमों को इशारों की समझ सौगात दिलाती है अदाओं को लहरों की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर तलाश सुनाती है अफसानों को उजालों की पुकार सरगम दिलाती है तरानों को बदलावों की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर सोच सुनाती है अल्फाजों को दिशाओं की अहमियत दास्तान दिलाती है धाराओं को आवाजों की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर मुस्कान सुनाती है एहसासों को इरादों की पहचान एहसास दिलाती है नजारों को दास्तानों की आहट दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर उमंग दिलाती है आवाजों को धाराओं की सौगात तलाश दिलाती है इशारों को अदाओं की आहट दिलाती है।


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