Tuesday 30 January 2018

कविता. १९३३. हर कोशिश को जब हमने।

                                                         हर कोशिश को जब हमने।
हर कोशिश को जब हमने मुस्कान के संग देखा हर इन्सान मे हर मोड को एक उम्मीद को बढते देखा हर मुश्किल कि धारा को अलग राहों से समझते देखा हर कदमों कि दिशाओं को आवाजों कि राहों के संग समझते देखा हर मौके को अलग खयालों कि पहचान बनाकर देखा जिसे समझकर आशाओं कि पुकार को उजालों के संग समझते देखा हर रोशनी को अलग दिशाओं कि कोशिश देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने मेहनत के संग देखा हर मौके मे हर लम्हे को एक एहसास मे बढते देखा हर धारा कि तलाश को अलग दिशाओं से परखते देखा हर किनारे को एहसासों कि दास्तान के संग परखते देखा हर कदमों को अलग दिशाओं कि कोशिश समझकर देखा जिसे परखकर आवाजों कि तलाश को कोशिश के संग आजमाते देखा हर कदमों को अलग राहों कि तलाश देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने आशाओं के संग देखा हर धारा मे हर पल को एक आशा मे बढते देखा हर लम्हे कि दिशाओं को अलग कदमों से समझते देखा हर लम्हे को आशाओं कि पुकार के संग समझते देखा हर किनारों को अलग आवाजों कि तलाश आजमाकर देखा जिसे परखकर एहसासों कि सुबह को खयालों के संग परखते देखा हर मौके को अलग दिशाओं कि सुबह देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने अदाओं के संग देखा हर राह मे हर मौके को एक उम्मीद मे बढते देखा हर आस कि उम्मीद को अलग दिशाओं से समझते देखा हर मौके को अंदाजों कि रोशनी के संग आजमाते देखा हर किनारे को अलग दास्तानों कि लहर परखकर देखा जिसे आजमाकर राहों कि तलाश को आशाओं के संग समझते देखा हर मोड को अलग दास्तानों कि लहर देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने अंदाजों के संग देखा हर मोड मे हर आवाज को एक आशा मे बढते देखा हर लम्हे कि तलाश को अलग खयालों से आजमाकर देखा हर मोड को आशाओं कि परखकर देखा हर कदम को अलग दिशाओं के बदलाव कि सोच दिखाकर देखा हर किनारे को अलग दिशाओं कि पहचान समझकर देखा हर किनारे को अलग खयालों कि कोशिश देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने आशाओं के संग देखा हर मौके मे हर उजाले को एक एहसास मे बढते देखा हर पल कि कोशिश को अलग किनारों से समझकर देखा हर लम्हे को अंदाजों कि लहर बनते देखा हर मोड को अलग अंदाजों के पहचान को आस देकर देखा हर मोड को अलग खयालों कि पुकार समझते देखा हर पल को अलग आशाओं कि तलाश को किनारे देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने किनारों के संग देखा हर दिशा मे हर मोड को एक उम्मीद मे बढते देखा हर मौके कि सुबह को अलग उजालों से समझते देखा हर पल को आशाओं कि पुकार समझते देखा हर पल को अलग दिशाओं के सहारे को आवाज देते देखा हर लम्हे को अलग दिशाओं कि सुबह पहचानते देखा हर मोड को अलग खयालों कि कोशिश को आशाओं कि उम्मीद देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने दास्तानों के संग देखा हर मोड मे मौके को एक आशा मे बढते देखा हर मोड कि उजाले को अलग दिशाओं से आजमाते देखा हर मोड को आवाजों कि तलाश को परखते देखा हर किस्से को अलग खयालों के किरदारों को रोशनी देते देखा हर कदम को राहों कि पहचान समझते देखा हर लम्हे को अलग अंदाजों कि रोशनी को कोशिश देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने अदाओं के संग देखा हर लम्हे मे उजाले को एक एहसास मे बढते देखा हर पल कि पहचान को अलग धाराओं से पहचानते देखा हर लम्हे को अंदाजों कि रोशनी को समझते देखा हर कदम को अलग दिशाओं के सहारे किनारों कि आवाज देते देखा हर पल को आशाओं कि कोशिश आजमाते देखा हर पल को अलग दिशाओं कि तलाश को आवाज देकर देखा।
हर कोशिश को जब हमने कदमों के संग देखा हर मौके मे अंदाजों को एक धारा मे बढते देखा हर लम्हे कि कोशिश को अलग खयालों से समझते देखा हर पल को इरादों कि आवाज को परखते देखा हर मोड को अलग खयालों के आस के साथ परखते देखा हर लम्हे को अलग दिशाओं कि तलाश समझते देखा हर किस्से को अलग आशाओं कि पुकार को अहमियत देकर देखा।

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