Monday, 17 July 2023

कविता. ४८७०. जज्बात को अदाओं की।

                                    जज्बात को अदाओं की।

जज्बात को अदाओं की मुस्कान तराना देती है अरमानों से सपनों की कोशिश अफसाना सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की आस एहसास देती है दास्तानों से आशाओं की परख पहचान सुनाती है आवाजों को बदलावों की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की रोशनी कोशिश देती है अंदाजों से खयालों की मुस्कान अरमान सुनाती है उजालों को सपनों की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की परख किनारा देती है कदमों से धाराओं की राह पुकार सुनाती है अल्फाजों को लहरों की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की पुकार सरगम देती है किनारों से अल्फाजों की आस अरमान सुनाती है दास्तानों को अंदाजों की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की आवाज सौगात देती है इशारों से दिशाओं की समझ उमंग सुनाती है आशाओं को बदलावों की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की सुबह तलाश देती है आवाजों से लम्हों की पहचान इशारा सुनाती है कदमों को आशाओं की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की समझ इशारा देती है बदलावों से धाराओं की सोच खयाल सुनाती है किनारों को अल्फाजों की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की आहट अल्फाज देती है नजारों से इरादों की सुबह पहचान सुनाती है कदमों को उजालों की कहानी देकर जाती है।

जज्बात को अदाओं की सरगम किनारा देती है उम्मीदों से अंदाजों की आहट आवाज सुनाती है दिशाओं को लहरों की कहानी देकर जाती है।


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