Thursday, 6 July 2023

कविता. ४८५९. लम्हों को खयालों की।

                              ‌‌ ‌‌ ‌‌       लम्हों को खयालों की।     ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌   

लम्हों को खयालों की समझ इशारा देती है कदमों को अदाओं की परख सहारा देती है बदलावों को मुस्कान की आस अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की मुस्कान उमंग देती है किनारों को सपनों की सुबह पहचान देती है आवाजों को राहों की सौगात अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की सरगम रोशनी देती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान कोशिश देती है अदाओं को तरानों की समझ अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की सोच अफसाना देती है जज्बातों को किनारों की आहट सौगात देती है एहसासों को अदाओं की परख अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की सौगात उम्मीद देती है आशाओं को अंदाजों की समझ पुकार देती है तरानों को अरमानों की पुकार अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की उमंग राह देती है तरानों को उम्मीदों की मुस्कान अफसाना देती है दास्तानों को आवाजों की धून अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की अल्फाज आस देती है इरादों को राहों की आस रोशनी देती है एहसासों को उम्मीदों की‌ पहचान अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की सुबह अरमान देती है इशारों को लहरों की समझ तलाश देती है अल्फाजों को नजारों की पुकार अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की सरगम पुकार देती है बदलावों को सपनों की लहर आस देती है किनारों को अंदाजों की आवाज अक्सर धाराएं देती है।

लम्हों को खयालों की कोशिश उमंग देती है जज्बातों को कदमों की समझ तलाश देती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी अक्सर धाराएं देती है।

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