Tuesday, 18 July 2023

कविता. ४८७१. लम्हों को एहसासों से।

                                       लम्हों को एहसासों से।

लम्हों को एहसासों से जुड़ने की जरुरत होती है आशाओं को अरमानों की उमंग किनारा देती है कदमों को आवाजों की पहचान इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से अहमियत होती है आवाजों को बदलावों की तलाश कोशिश देती है उजालों को सपनों की सरगम इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से मिलने की पुकार होती है तरानों को उम्मीदों की सोच अफसाना देती है लहरों को नजारों की सुबह इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से परखने की समझ होती है जज्बातों को कदमों की आस उम्मीद देती है धाराओं को अरमानों की पुकार इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से जुड़ने की पुकार होती है किनारों को दिशाओं की कहानी सौगात देती है अदाओं को तरानों की समझ इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से मिलने की आहट होती है उजालों को अदाओं की पहचान तलाश देती है एहसासों को उम्मीदों की सोच इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से परखने की सुबह होती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान उमंग देती है जज्बातों को दास्तानों की आस इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से जुड़ने की कहानी होती है तरानों को लहरों की पहचान कोशिश देती है अफसानों को अल्फाजों की कहानी इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से मिलने की तलाश होती है खयालों को अंदाजों की परख अफसाना देती है आवाजों को बदलावों की मुस्कान इरादा देती है।

लम्हों को एहसासों से परखने की दास्तान होती है दिशाओं को उम्मीदों की समझ सौगात देती है नजारों को अफसानों की पहचान इरादा देती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...