Tuesday, 25 July 2023

कविता. ४८७८. तलाश कोई सपनों से।

                                   तलाश कोई सपनों से।

तलाश कोई सपनों से बदलावों की आहट सुनाती है तरानों को अरमानों की पुकार पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सहारा देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से आवाजों की धून सुनाती है नजारों को खयालों की समझ कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की आहट सुबह देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से अरमानों की पुकार सुनाती है कदमों को अदाओं की परख आस दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी सरगम देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से अंदाजों की सोच सुनाती है जज्बातों को किनारों की आहट एहसास दिलाती है इरादों को आशाओं की आस अदा देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से लहरों की सौगात सुनाती है इरादों को आशाओं की सोच अफसाना दिलाती है इशारों को लम्हों की पुकार कोशिश देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से अदाओं की परख सुनाती है दिशाओं को बदलावों की राह खयाल दिलाती है अल्फाजों को उजालों की मुस्कान सहारा देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से अल्फाजों की आस सुनाती है इशारों को लम्हों की पहचान किनारा दिलाती है खयालों को एहसासों की आहट सरगम देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से उजालों की राह सुनाती है अफसानों को अल्फाजों की कहानी पहचान दिलाती है अंदाजों को इरादों की सौगात तराना देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से नजारों की पुकार सुनाती है उम्मीदों को कदमों की आस अफसाना दिलाती है किनारों को अल्फाजों की कहानी इशारा देकर जाती है।

तलाश कोई सपनों से लम्हों की परख सुनाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान पहचान दिलाती है इरादों को आवाजों की धून खयाल देकर जाती है।

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